Blogging Ke 6 Personal Side Effects (Nuksan)

Hello Friends, अगर आप एक blogger हो या blogging करना चाहते हो तो यह post आपके लिए बहुत उपयोगी साबित होने वाली है. इस post में हम बात करने वाले हैं, ब्लॉगिंग के कुछ side effects के बारे में. इसमे में आपको अपने experience के हिसाब से बताऊँगा. इसलिए यह post आप सभी के लिए काफी रोमांचक साबित हो सकता है।

blogging ke nuksan personal side effects of blogging

In my case, में आज से 4 साल पहले ब्लॉगिंग की दुनिया मे कदम रखा था. इनके बीच मेने ब्लॉगिंग में बहुत सारे परेशानियों का सामना किया. जब में नया था तो ब्लॉगिंग में मेरा बहुत ज्यादा interest था, जिससे में अपना सबसे ज्यादा समय ब्लॉगिंग पर ही देता था. उस समय मे school में पढ़ाई करता था. स्कूल से आने के बाद थोड़ा समय homework में देता था, उसमे अलावा पूरे दिन ब्लॉगिंग में ही समय देता था.

मुझे ब्लॉगिंग करने में कभी भी boring feel नही हुई है. लेकिन अब में इसमे ज्यादा समय नही दे पा रहा हूँ. अभी कुछ महीने तक में ब्लॉगिंग में बहुत कम समय दे पाऊंगा. अभी मेरे कुछ personal problems हैं. जिसके कारण में ब्लॉगिंग में अपना पूरा समय नही दे पाता हूँ.

ब्लॉगिंग ने मुझे बहुत कुछ दिया है. सबसे अच्छी बात मेरे लिए यह है कि इन्होंने मुझे “पहचान” दिया है. मेरे ब्लॉगिंग की journey में बहुत सारे problems भी आये हैं. आज इस post में हम आपको बताने जा रहे हैं कि ब्लॉगिंग के कुछ personal side effects. इसमे में आपको अपने experience के हिसाब से बताऊँगा. उम्मीद करता हूँ कि आपको यह post काफी अच्छा लगेगा।

ब्लॉगिंग के कुछ पर्सनल Side Effects.

1. पढ़ाई में प्रभाव

यह ब्लॉगिंग का सबसे बड़ा नुकसान है. यदि आप एक student हो और आप ब्लॉगिंग करते हो तो इससे आपके पढ़ाई में बहुत बुरा प्रभाव पड़ेगा. क्योंकि यदि आप अपना बना लेते हैं तो आपको ब्लॉगिंग में रोजाना कम से कम 6-7 घंटे देना होगा. इसमे आपको ब्लॉग को manage और post लिखने के साथ और भी कई सारे काम करने होंगे।

In my case, में भी एक student हूँ और में पढ़ाई के साथ साथ ब्लॉगिंग भी करता हूँ. अभी में ब्लॉगिंग में कम समय दे पाता हूँ. पहले में daily लगभग 12 घंटे ब्लॉगिंग करता था. अभी भी मुझे प्रतिदिन 5-6 घंटे इसमे देने पड़ते है. अभी कुछ समय तक मे ब्लॉगिंग पर ज्यादा समय नही दे पाऊंगा.

अगर आप भी मेरे तरह एक student हो और साथ साथ ब्लॉगिंग भी करते हो तो आपका थोड़ा बहुत पढ़ाई तो loss होगा ही. क्योंकि आप अपना interest पढ़ाई में नही बल्कि ब्लॉगिंग करने में दे रहे हो तो इससे आपकी पढ़ाई पर तो बुरा प्रभाव पड़ेगा ही. अगर आप चाहो तो अपनी पढ़ाई के साथ साथ ब्लॉगिंग को भी अच्छे स्तर पर कर सकते हो।

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पढ़ाई के साथ साथ ब्लॉगिंग को भी अच्छे स्तर में ले जाना चाहते हो तो इसके लिए सबसे best तरीका ये है कि आप social media को भूल जाइये. क्योंकि social media में आप daily 2-3 घंटे बिताते हो, उतना ही समय आप ब्लॉगिंग में देकर आप अपनी समय को बचा सकते हो और उससे पढ़ाई भी अच्छे से कर सकते हो. में जनता हूँ कि एक ब्लॉगर के लिए social media बहुत उपयोगी होता है लेकिन मेरे experience के हिसाब से मेरा 2-3 घंटे इसी में बर्बाद होता है.

अगर आप social media को भूलकर ब्लॉग को आगे बढ़ाने के लिए काम करेंगे तो शायद आपके लिए बहुत बेहतर होगा. ये में अपने experience से कह रहा हूँ बाकी आपको ठीक लगे तो कर सकते हो. अगर आपके पास ज्यादा समय है तो आप अपने हिसाब से time managing कर सकते हो।

2. Laziness:

एक ब्लॉगर को हमेशा अपना ज्यादा समय computer screen के सामने बैठ के गुजरना पड़ता है. अगर आप रोज 6-7 घंटे चुपचाप बैठे हुए बिताएंगे तो इससे धीरे धीरे हमारे अंदर lazyness आ जाती है. यह problem बहुत कॉमन है और बहुत सारे लोग इससे झुंझ रहे हैं।

अगर आप भी काफी समय मे ब्लॉगिंग कर रहे हो तो आपने feel किया होगा कि जब हम computer में लगातार 2-4 घंटे काम करते हैं तो काफी थक जाते हैं. ऐसे में हमें सोने के सिवाय कोई भी काम करने का दिल नही करता है. में भी बहुत बार इस परेशानी का सामना कर चुका हूँ।

अगर हम आपको simple में बताएं तो एक ब्लॉगर को 6-7 घंटे समय computer के सामने चाय या कॉफ़ी पीते पीते बिताना पड़ता है. जिससे धीरे धीरे उनके शरीर मे laziness आ जाता है. अगर आप भी ज्यादा समय ब्लॉगिंग में रहे हो तो शायद आपको भी इससे निपटना पर सकता है।

3. Less Sleep:

जब में ब्लॉगिंग नही करता था तो में 8 घंटे सोता था लेकिन अभी मुझे ब्लॉगिंग के साथ साथ study भी manage करना पड़ता है. जिससे में daily 5-6 घंटे का ही नींद ले पाता हूँ. वैसे तो normally में रात 12 बजे तक काम करता हूँ लेकिन कभी कभी कोई जरूरी काम के कारण 2-3 AM में सो पता हूँ.

इसी तरह यदि आप भी एक ब्लॉगर हो तो आपको भी रात में ज्यादा देर तक काम करना पड़ता होगा. ज्यादातर ब्लॉगर रात में ही काम करते हैं. कुछ लोग तो ब्लॉगिंग के साथ offline business या जॉब भी करते हैं. जिसकी वजह से उन्हें समय नही मिल पाता है और वो अपना काम रात में ही करते हैं.

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में जनता हूँ कि आप दिन खत्म होने से पहले बहुत सारे posts पढ़ लेते होंगे और अपने ब्लॉग के लिए new post idea भी जान लेते होंगे. अब आपको रात में सोने से पहले ब्लॉग के लिए एक post लिखना है. Normally, ज्यादातर ब्लॉगर का यही schedule होता है.

जब आप अपने ब्लॉग में post publish कर दिए, उसके सोने के लिए जैसे ही बिस्तर पर जाने लगे तो ख्याल आया कि social media तो use करना बाकी है. अब आपको थोड़ा समय उसमे भी देना होगा. इसी तरह होते होते आप बहुत समय तक अपनी नींद को रोके रहते हो.

लेकिन क्या आपको पता है कि कम नींद के कारण कई सारे health problems हो सकते हैं. हर किसी के लिए health के बढ़कर कुछ नही होता है. इसलिए जब आपको लगे कि आप कम नींद लेरहे हो तो थोड़ा ज्यादा नींद लेना start कर दीजिए।

4. Negative Thoughts:

अब सब कुछ पहले जैसा नही रहा, अब बहुत सारे बदलाव आ गए हैं. अभी एक छोटा सा बदलाव लाने के लिए हमें सालों मेहनत करना पड़ता है. क्या हमें मेहनत करते रहना चाहिए?

हम के article लिखने में 4-5 घंटे काम करते है और इसका परिणाम सिर्फ थोड़े visitors मिलते हैं. क्या ब्लॉगिंग एक मजाक तो नही है?

लगभग हर ब्लॉगर को इस तरह के negative thoughts आते रहते हैं. मेरे भी दिमाग मे इस तरह के thoughts आते रहते हैं. यह 100% लगभग सभी ब्लॉगर के mind में आते हैं. यह एक डर है. इस तरह के negative thought हमारे शरीर मे negative energy देते हैं।

ये सही thoughts है. परंतु हम आपको यही कहेंगे कि इसे सुने लेकिन इन्हें ignore करने की कोशिश करें।

में जनता हूँ कि आप बहुत मेहनत करके ब्लॉग post लिखते हो लेकिन इससे आपको ज्यादा better result नही मिल पाता है. परन्तु आप डरिये मत, अभी नही तो आने वाले समय मे इससे आपको अच्छा result जरूर मिलेगा. बस इसी उम्मीद से आप अपने ब्लॉग पर काम करते रहिए।

5. परिवार और दोस्तों को समय नही दे पाना

यह मेरी सबसे बड़ी problem है. मेरे पास समय की बहुत कमी है, जिसके कारण में अपना काम भी ठीक से नही कर पाता हूँ. जब में घर मे रहता हूँ तोमेरे घर वाले मुझसे परेशान हो जाते है कि में इतना time computer के सामने बैठकर कैसे गुज़ार लेता हूँ. में अपने घर मे भी किसी से खुल कर बातचीत या मज़ाक नही कर पाता हूँ.

वैसे में घर कभी कभी जाता हूँ बाकी शहर में अपने दोस्तों के साथ रहता हूँ. मेरे दोस्त भी मुझसे परेशान हो जाते हैं और बार बार कहते हैं कि तुम क्या क्या search करते रहते हो? में उन्हें समझाने की कोशिश भी करता हूँ लेकिन उनके पास ज्यादा technical knowledge की कमी होती है और समझ नही पाते हैं।

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ये मेरे कुछ problems थे. में जनता हूँ कि हर ब्लॉगर के पास यह समश्या होती है. जिससे उनके family, friends और relatives काफी नाराज रहते हैं. तो में आप सभी से बस इतना कहना चाहूंगा कि इंसान एक सामाजिक प्राणी है. इसलिए ब्लॉगिंग को manage करने के साथ साथ आने परिवार, दोस्तों और रिश्तेदारों को भी थोड़ा समय दीजिए. ताकि वे लोग अपने आप को uncomfortable feel नही करें।

6. Health problems:

जिस तरह मेने आपको ऊपर बताया कि एक ब्लॉगर 5-6 घंटे ही सो पाते हैं. जब हम कम नींद लेंगे तो इससे एक नही कई सारे बीमारी हो सकती है. सबसे बड़ी बात तो जब आप ठीक से नींद नही लेंगे तो किसी भी काम मे दिल नही लगेगा. उसके अलावा जब आप daily कम नींद लेंगे तो आपको बड़ी बीमारी का सामना करना पर सकता है।

ब्लॉगिंग की सबसे बड़ी health problem ये होती है कि इससे eyes में problem होती है. अगर आप अभी कुछ समय से ब्लॉगिंग कर रहे हो तो अभी ऐसा न लगे लेकिन जब आप 2-3 साल बिना glass के computer में work करते रहेंगे तो आँख में problem हो सकती है.

इसकी सबसे अच्छा solution यह है कि anti glare glass का use कीजिए. लगभग सभी ब्लॉगर glass use करते हैं. इससे उनके eyes में ज्यादा effect नही पड़ते हैं. अगर आप अपने eyes को safe रखना चाहते हो तो अभी से इसका उपयोग करना शुरू कर दीजिए।

इसके अलावा headache भी ब्लॉगर की कॉमन health problem होती है. जब आप ज्यादा समय तक अपने computer screen को देखेंगे तो काफी थकावट महसूस होगी और headache भी होगी।

Final Thoughts,
दोस्तों ब्लॉगिंग करने के बहुत सारे फायदे हैं लेकिन इनके कुछ नुकसान भी हैं. हमें सिर्फ फायदे की तरफ नही देखना चाहिए बल्कि नुकसान भी देखना चाहिए. क्योंकि ब्लॉगिंग हर किसी के लिए perfect नही होता है. In short, ब्लॉगिंग करने से आप अपने दोस्तों और घरवालों को समय नही दे पाते हो, पढ़ाई में असर पड़ता है, अलसी महसूस होता है, आंखों की समश्या से जुंझना ओर सकता है,कम सो पाते हैं, और अच्छा result नही मिलने पर demotivate हो जाते हैं।


उम्मीद करता हूँ कि आप सभी ने यह post को अच्छे से पढ़ा होगा. अपना कीमती समय देने के लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद. अगर आपको यह post अच्छा लगा हो तो इसे social media में share कीजिए. आपको ब्लॉगिंग से related कोई सवाल पूछना हो तो comment करें।

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8 thoughts on “Blogging Ke 6 Personal Side Effects (Nuksan)”

  1. apka likhne ka style bahut achha hai. porke maja aata hai. aap mere blog ko dekh ke bata sekte hai kya kami hai mere blog mai.

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  2. ब्लॉग्गिंग करने के फायदे तो है, ही लेकिन ब्लॉगर के ऊपर जो बीतती है वह सिर्फ एक ब्लॉगर ही जान सकता हैं.. ब्लॉग्गिंग करने का सबसे बड़ा इफ़ेक्ट आपकी आँखों पर पड़ता हैं, दिमाग भी थक जाता हैं और जब गूगल का अपडेट आता हैं, तो यह आपकी टेंशन और भी ज्यादा बढ़ा देता है…

    और सबसे बुरी बात यह हैं की आप किसी से कहते है की आप एक ब्लॉगर हैं. तो सामने वाला बोलता है, वह क्या होता हैं? यानी की जब घर में रह कर कोई ब्लॉगर ब्लॉग्गिंग करता हैं तो लोग उसे बेकार और निकम्मा भी समझते हैं.. परन्तु ब्लॉगर को हमेशा खुद को मोटीवेट करते रहना पड़ता हैं.

    यानी की ब्लॉगर को स्वयं नुकसान का सामना करके ब्लॉग्गिंग करना पड़ता है. साथ ही ब्लॉगर अकेले रहने के आदि भी होने लगते हैं…

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