जवाहर लाल नेहरु पर निबंध 1 (100 शब्द)
पंडित जवाहर लाल नेहरु भारत के प्रथम प्रधानमंत्री थे। इनका जन्म 14 नवंबर 1889 में उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद शहर में हुआ था। इनके पिता श्री मोती लाल नेहरु उस जमाने में एक प्राख्यात वकील थे। नेहरु जी ने अपनी शुरुआती शिक्षा घर से ही ली हालाँकि उच्च शिक्षा के लिये उन्होंने इंग्लैंड को चुना और अंतत: 1912 में वो भारत में लौट आये। भारत आते ही वो अपने पिता की तरह वकील बन गये और बाद में वो महात्मा गाँधी के साथ भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में शामिल हो गये। स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान वो कई बार जेल भी गये हालाँकि 1947 में भारत की आजादी के बाद वो आजाद भारत के पहले प्रधानमंत्री बने।
जवाहर लाल नेहरु पर निबंध 2 (150 शब्द)
भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरु का जन्म 14 नवंबर 1889 में उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद शहर में हुआ था और इनके पिता श्री मोतीलाल नेहरु एक जाने-माने वकील थे। नेहरु जी अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद अपने पिता की तरह एक वकील बनना चाहते थे। लेकिन वक्त ने करवट बदली और नेहरु के मन ने और इसी के साथ वो भी आजादी के आंदोलन में गाँधी के साथ कूद पड़े। आजादी मिलते ही वो सफलतापूर्वक भारत के पहले प्रधानमंत्री बने। उन्हें बच्चों से बहुत प्यार था इसीलिये उनके जन्म दिवस के दिन को भारत में बाल दिवस के रुप में मनाया जाता है।
भारत के बच्चों की ओर उनके प्यार और लगाव को प्रदर्शित करने के साथ ही बच्चों की स्वास्थ्य और सुरक्षा के लिये उनके जन्म दिवस के अवसर पर भारतीय सरकार के द्वारा भी बाल स्वच्छता अभियान चलाया जाता है। उनके जन्म दिन को पूरे भारत में बेहद उत्साह के साथ मनाया जाता है खास तौर से बच्चों के द्वारा। वो बच्चों में चाचा नेहरु के नाम से भी प्रसिद्ध है।
जवाहर लाल नेहरु पर निबंध 3 (200 शब्द)
भारत में बहुत से महान व्यक्तियों ने जन्म लिया और नेहरु उनमें से एक थे। वो बच्चों को बहुत प्यार करते थे। वो बेहद मेहनती होने के साथ ही शांतिप्रिय स्वाभाव के व्यक्ति भी थे। इनके पिता का नाम मोती लाल नेहरु था और वो अपने समय के प्रसिद्ध वकीलों में थे। पंडित नेहरु का जन्म 14 नवंबर 1889 में उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद शहर में हुआ। नेहरु अपनी महानता और भरोसे के लिये जाने जाते थे। उन्होंने अपनी शुरुआती शिक्षा घर से ही पूरी की उसके बाद आगे की पढ़ाई के लिये वो इंग्लैंड चले गये और वहाँ से भारत लौटने के बाद वो एक वकील बने।
गुलाम भारत में वकालत नेहरु को रास नहीं आ रही थी इसलिये वो गाँधी के साथ आजादी के संग्राम में कूद पड़े। उनकी कड़ी मेहनत ने भी भारत की आजादी में अहम किरदार निभाया और वो आजाद भारत के पहले प्रधानमंत्री बने। उनको भारत के प्रसिद्ध आदर्शों के रुप में याद किया जाता है। बच्चों से बेहद लगाव होने के कारण ही उन्हें चाचा नेहरु भी कहा जाता है। बच्चों से इतने प्यार और लगाव की वजह से ही हर साल भारतीय सरकार ने उनके जन्म दिवस के दिन दो कार्यक्रम लागू किया है जिसका नाम है बाल दिवस और बाल स्वच्छता अभियान। भारत में हमेशा बच्चों के स्वास्थ्य और सुरक्षा के लिये ये कार्यक्रम मनाया जाता है।
जवाहर लाल नेहरु पर निबंध 4 (250 शब्द)
जवाहर लाल नेहरु एक प्राख्यात वकील मोतीलाल नेहरु के पुत्र थे। इनका जन्म 14 नवंबर 1889 में उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद शहर में हुआ था। नेहरु को लोगों का आर्शीवाद प्राप्त हुआ और वो आजाद भारत के पहले प्रधानमंत्री बने। इनका परिवार राजनीतिक रुप से बेहद प्रभावशाली था जहाँ पर इन्होंने अपनी शुरुआती शिक्षा अर्जित की और उच्च शिक्षा के लिये इंग्लैंड चले गये तथा एक प्रसिद्ध वकील बन कर भारत लौटे। इनके पिता एक जाने-माने वकील थे हालाँकि प्रतिष्ठित नेता के रुप में उनकी राष्ट्रवादी आंदोलनों में भी गहरी रुचि थी। महात्मा गाँधी के साथ आजादी के संग्राम में पंडित जवाहर लाल नेहरु ने भी बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया और कई बार जेल गये। उनकी कड़ी मेहनत ने उनको इस काबिल बनाया कि वो आजाद भारत के पहले प्रधानमंत्री बने और देश के प्रति सभी जिम्मेदारीयों को निभा सके। 1916 में उन्होंने कमला कौल से शादी की और 1917 में एक प्यारी सी बच्ची के पिता बने जिसका नाम इंदिरा गाँधी था।
1916 में भारतीय राष्ट्रीय काँग्रेस के एक मीटिंग में वो महात्मा गाँधी से मिले। जलियाँवाला बाग नरसंहार के बाद उन्होंने अंग्रेजों से लड़ाई करने की प्रतिज्ञा ली। अपने कार्यों के लिये आलोचना होने के बावजूद भी वो स्वतंत्रता संघर्ष के सबसे प्रभावशाली नेताओं में से एक है। उन्हें भारत के पहले और सबसे लंबी अवधि (1947 से 1964) तक प्रधानमंत्री रहने का गौरव हासिल है। अपने महान कार्यों से देश की सेवा के बाद हृदय घात की वजह से 27 मई 1964 को उनका देहांत हो गया। वो एक अच्छे लेखक भी थे और अपनी आत्मकथा जिसका नाम था आजादी की ओर (1941) सहित उन्होंने कई प्रसिद्ध किताबें भी लिखी थी।
जवाहर लाल नेहरु पर निबंध 5 (300 शब्द)
पंडित जवाहर लाल नेहरु एक महान व्यक्ति, नेता, राजनीतिज्ञ, लेखक और वक्ता थे। नेहरु को बच्चों से बहुत प्यार था और वो गरीब लोगों के भी हमदर्द और दोस्त थे। वो खुद को भारत का सच्चा सेवक मानते थे। भारत को एक सफल राष्ट्र बनाने के लिये पंडित नेहरु ने दिन रात कड़ी मेहनत की। वो आजाद भारत के पहले प्रधानमंत्री बने और इसीलिये उन्हें आधुनिक भारत का निर्माता भी कहा जाता है। भारत की महान संतानों में से एक पंडित नेहरु भी है। वो एक ऐसे व्यक्ति थे जिनके पास दूरदृष्टी, ईमानदारी, कड़ी मेहनत, समझदारी, देशभक्ति और बौद्धिक शक्तियाँ थी।
उन्होंने ही एक महान नारा दिया था “आराम हराम है”। वो योजना आयोग के पहले अध्यक्ष बने और दो साल बाद भारत के लोगों के जीवन की गुणवत्ता को सुधारने के लिये राष्ट्रीय विकास परिषद का गठन किया। 1951 में पहली पंचवर्षीय योजना उनके निगरानी में लागू हुई। उन्हें बच्चों से बेहद लगाव था इसलिये उनके वृद्धि और विकास के लिये कई तरीके उत्पन्न किये। उनके बच्चों से बेहद प्यार और लगाव के कारण ही भारतीय सरकार ने हर साल उनके जन्म दिवस को बच्चों की अच्छाई के लिये बाल दिवस के रुप में मनाने का फैसला लिया। वर्तमान में उनके जन्म दिवस के दिन सरकार ने एक और कार्यक्रम की शुरुआत की जिसका नाम बाल स्वच्छता अभियान है।
नेहरु ने हमेशा अस्पृश्य लोगों की प्रगति, समाज के कमजोर वर्गों के लोगों पर और महिलाओं और बच्चों के कल्याण के अधिकार को प्राथमिकता दी। भारत के लोगों के कल्याण के लिये सही दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाने के लिये पूरे देश में “पंचायती राज” व्यवस्था की शुरुआत हुयी। भारत के साथ समन्वय और अंतरराष्ट्रीय शांति को कायम रखने के लिये उन्होंने “पंच शील” सिद्धांत को प्रचारित किया और दुनिया के नेतृत्वकर्ता देशों में से एक के रुप में भारत को बनाया।
जवाहर लाल नेहरु पर निबंध 6 (400 शब्द)
पंडित जवाहर लाल नेहरु को भारत के प्रसिद्ध व्यक्तियों मे गिना जाता है और लगभग सभी भारतीय उनके बारे में अच्छे से जानते है। वो बच्चों से बेहद प्यार करते थे। उनके समय के बच्चे उन्हें ‘चाचा’ कहकर बुलाते थे। वो बहुत प्रसिद्ध राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय व्यक्ति थे। भारत के उनके पहले प्रधानमंत्री काल के दौरान उनकी कठिनाईयों के कारण उन्हें आधुनिक भारत का निर्माता माना जाता है। 1947 से 1964 तक देश के प्रथम और लंबी अवधि तक प्रधानमंत्री होने का गौरव नेहरु जी को ही हासिल है। देश की आजादी के तुरंत बाद उन्होंने भारत को आगे बढ़ाने की जिम्मेदारी उठाई।
14 नवंबर 1889 को उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद में मोती लाल नेहरु और कमला नेहरु के घर इनका जन्म हुआ। इनके पिता उस समय के बेहद रईस, प्राख्यात और सफल वकील थे। मोती लाल जी ने नेहरु को किसी राजा की भाँति पाला। पंडित नेहरु ने अपनी शुरुआती शिक्षा घर में ही बेहद सक्षम शिक्षकों से प्राप्त की। 15 साल की उम्र में उच्च शिक्षा की खातिर नेहरु जी इंगलैंड चले गये जहाँ उन्होंने हैरो और कैंब्रिज विश्वविद्यालय से पढ़ाई की। उन्होंने 1910 में डिग्री पूरी की और अपने पिता की तरह कानून की पढ़ाई की और बाद में वो एक वकील बने। देश लौटने के बाद उन्होंने इलाहाबाद हाई कोर्ट से अपनी प्रैक्टिस शुरु की। 27 वर्ष की उम्र में 1916 में नेहरु जी ने कमला कौल से शादी की और इंदिरा गाँधी के रुप में एक बेटी के पिता बने।
गुलामी के दौरान उन्होंने देखा कि अंग्रेज भारत के लोगों के साथ बहुत बुरा व्यवहार कर रहे है और तभी उन्होंने स्वतंत्रता आंदोलन से जुड़ने का फैसला किया और भारत के लिये अंग्रेजों से लड़ने का संकल्प लिया। उनका देशभक्त दिल उनको आराम से बैठने के लिये इजाजत नहीं दे रहा था और मजबूर कर रहा था कि वो बापू के साथ आजादी के आंदोलन से जुड़े और आखिरकार वो गाँधी जी के असहयोग आंदोलन से जुड़ गये। वो कई बार जेल गये लेकिन कभी भी इससे परेशान नहीं हुए और अंग्रजों की हर सजा के बावजूद भी वो खुशी से अपनी लड़ाई को जारी रखते थे। आखिरकार भारत की आजादी का दिन भी आया और 15 अगस्त 1947 को भारत स्वतंत्र हुआ तथा भारत को लोगों ने देश को सही दिशा में आगे बढ़ाने के लिये नेहरु जी को भारत के पहले प्रधानमंत्री के रुप में चुना।
भारत के प्रधानमंत्री के रुप में उनके चुनाव के बाद उन्होंने अपनी निगरानी में कई प्रकार से देश की प्रगति के रास्ते उत्पन्न किये। डॉक्टर राजेन्द्र प्रसाद (स्वर्गीय राष्ट्रपति) ने एक बार उनके बारे में कहा था कि “पंडित जी के नेतृत्व में देश प्रगति के रास्ते पर आगे बढ़ रहा है”। बच्चों के चाचा नेहरु और भारत के पहले प्रधानमंत्री की देश की सेवा करते हुए हृदय घात की वजह से 27 मई 1964 को निधन हो गया।